Tuesday, March 01, 2011

आज तो बस आपकी आँखों को देखेंगे

आज अपने दिल के अनल पर
मलमल से तेरे बदन को सेंकेंगे |
फुरसत के दिन हैं, आज तो
बस आपकी आँखों को देखेंगे |

छुएंगे नहीं जरा सा, तनिक भी
भूरे होंठो के कम्पन्न को
कच्ची, हांथो की, उँगलियों से
तिनका तिनका समेटेंगे |
मरने के दिन हैं, आज तो
बस आपकी आँखों को देखेंगे |

सांप से हांथों का डसना,
धागे से बालों का सिकुरना
साँसों को आपकी, अपनी
इक्छुक साँसों से लपेटेंगे |
खोने के दिन हैं, आज तो
बस आपकी आँखों को देखेंगे |

No comments: